Whatsappfull formOTHERHealth🐂 ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी ?
एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया। 🐂
वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं।
अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।। 🐂
किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी।
जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया। 🐂
सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया.... 🐂 🐂
अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। 🐂 💥
जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया। 🐂
ध्यान रखे 🔅🔅🔅
आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि , 💥
आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा 💥💥
कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा 💥 💥
कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे...
ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अप
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और
"किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"कुछ सीखने लायक अच्छी बातें ज़रूर पढ़ें -
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जीवन में किसी का भला करोगे,
तो लाभ होगा...
क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है ।
और
जीवन में किसी पर दया करोगे,
तो वो याद करेगा...
क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।
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कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है,
तो भरकर बाहर आती
जीवन का भी यही गणित है,
जो झुकता है वह
प्राप्त करता है...
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भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई
और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.
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जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती हैl
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किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया .... बोझ शरीर का नही साँसों का था..
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सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती...!!!
दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए...
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पहले मैं होशियार था,
इसलिए दुनिया बदलने चला था,
आज मैं समझदार हूँ,
इसलिए खुद को बदल रहा हूँ.
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बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है.
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मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना.
------------------------------------kya khoob likha hai kisine
आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।
अगर दिल को छु जाये तो शेयर जरूर करे..
_▄▄_
(●_●)
╚═►--:: कुदरत का सबसे बडा सच ::--
💧 यदि आप फूलों पर सो रहे हैं
तो ये आपकी पहली रात है l
💧 और यदि फूल आप पर सो रहे
है तो ये आपकी आखिरी रात है l
(अजब तेरी दुनिया गज़ब तेरा खेल)
®🔹🔸🔹®🔹🔸🔹®
💧 मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद
किया जाता है l
💧 और मोमबत्ती बुझाकर जन्म
दिन मनाया जाता है l
(कैसी विडम्बना है हमारे देश की)
®🔹🔸🔹®🔹🔸🔹®
💧 फूलन देवी डाकू होकर भी
चुनाव जीत गई थी l
💧 और किरन बेदी पुलिस वाली
होकर भी हार गई l
(किस्मत के खेल निराले मेरे भैया)
🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧
कितनी अजीब दुनिया हैं, जहाँ औरतें ‘दूसरी औरतों
की शिकायते करते नहीं थकती,
जबकि पुरूष ‘दूसरी औरतों’ की तारीफ करते नहीँ
थकते !!!
पुरुष सच में महान हैं !!😜😝😜😝😜
🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧
हमने 5 औरतों को डव लगाया और 5 आदमियों को बियर पिलायी .. ….
आदमियों के चेहरे पर ज्यादा रंगत थी|😜😝😜😝😜
🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧
5 चीजें जो खत्म होने पे बहुत तकलीफ देते हैं
1. दोस्ती
2. पैसा
3. प्यार
4. रविवार और
5. इंटरनेट पेक
लास्ट वाला तो रुला ही देता है…😜
😜😝😛😷😷😋😋
🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧🚧
😝😝 पुराने जमाने में जब कोई
अकेला बैठकर हंसता था, तो लोग
कहते थे… कि इसपर कोई भूत-
प्रेत का सांया है..!!
आज कोई अकेले में बैठकर हंसता है
तो कहते हैं…
मुझे भी SEND कर दे
😂😂😂😆😆😆🌿🐄.[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: काला जादू शरीर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है। ये शक्तियां बाहरी व्यक्ति के द्वारा भेजी जाती हैं जो उस व्यक्ति पर आतंरिक प्रभाव डालती है।
[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: काला जादू और हिंदू धर्म का नाता पिछले कई युगों से चला आ रहा है। इन्हे करने वालों को तांत्रिक या अघोरी बाबा कहा जाता है जो रात के दौरान विशेष पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में ये सबसे ज्यादा होता है।
[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: तांत्रिक जिस प्रकार पूजा करते हैं, वह आज भी रहस्य बना हुआ है। वास्तव में तांत्रिक बुरी आत्माओं को बुलाते है और फिर उनसे अच्छी आत्माओं या किसी व्यक्ति को परेशान करने के लिए कहते हैं। जिस व्यक्ति को वह परेशान करना चाहते हैं, उसका कोई कपड़ा, बाल या कुछ भी निशानी चाहिए होती है। अगर एक बार भी बुरी आत्मा परेशान करना शुरू कर देती है तो अच्छा व्यक्ति भी बेहाल हो जाता है।
[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: काला जादू का प्रभाव बहुत विकराल होता है। इसके प्रभाव के कारण व्यक्ति के स्वभाव में बहुत ज्यादा परिवर्तन आ जाता है। उसका स्वास्थ्य बिना वजह ही ठीक नहीं रहता है। कई बार, घरों में तुलसी के पत्ते सूख जाते है जबकि उनकी बहुत केयर की जाती है, या प्रभावित व्यक्ति का नाखून अपने आप ही काला पड़ने लगता है।
[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: काला जादू गैर वैज्ञानिक घटना नहीं है। वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि किसी बाहरी के द्वारा किसी के लिए ज्यादा नकारात्मक सोच, उस व्यक्ति पर बुरा प्रभाव आसानी से ड़ाल सकती है और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।
[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: 1. बगलामुखी साधना के दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना अत्याधिक आवश्यक है.
2. इस क्रम में स्त्री का स्पर्श, उसके साथ किसी भी प्रकार की चर्चा या सपने में भी उसका आना पूर्णत: निषेध है. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी साधना खण्डित हो जाती है.
3. किसी डरपोक व्यक्ति या बच्चे के साथ यह साधना नहीं करनी चाहिए. बगलामुखी साधना के दौरान साधक को डराती भी है. साधना के समय विचित्र आवाजें और खौफनाक आभास भी हो सकते हैं इसीलिए जिन्हें काले अंधेरों और पारलौकिक ताकतों से डर लगता है, उन्हें यह साधना नहीं करनी चाहिए.
4. साधना से पहले आपको अपने गुरू का ध्यान जरूर करना चाहिए.
5. मंत्रों का जाप शुक्ल पक्ष में ही करें. बगलामुखी साधना के लिए नवरात्रि सबसे उपयुक्त है.
6. उत्तर की ओर देखते हुए ही साधना आरंभ करें.
7. मंत्र जाप करते समय अगर आपकी आवाज अपने आप तेज हो जाए तो चिंता ना करें.
8. जब तक आप साधना कर रहे हैं तब तक इस बात की चर्चा किसी से भी ना करें.
9. साधना करते समय अपने आसपास घी और तेल के दिये जलाएं.
10. साधना करते समय आपके वस्त्र और आसन पीले रंग का होना चाहिए.
[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: दोस्तों की भीड़ में दुश्मनों को पहचानना मुश्किल हो जाता है. आप नहीं समझ सकते कि कब कौन आपके पीठ पीछे वार कर आपको धोखा देकर चला जाए. दोस्ती और प्यार के नाम पर दगा देने वाले भी बहुत लोग होते हैं. आपकी कोई बात किसी को कितनी बुरी लग गई और इसका बदला लेने के लिए वो किस हद तक पहुंच जाएगा आप इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते.
बगलामुखी, एक ऐसी तंत्र साधना है जिसके जरिए लोग वशीकरण, मारण, उच्चाटन आदि जैसी क्रियाओं को अंजाम देते हैं. अपने दुश्मन को हर तरह की हानि पहुंचाने के लिए लोग इस तंत्र साधना का प्रयोग करते हैं और तंत्र-मंत्र पर विश्वास करने वाले लोगों की मानें तो इससे बेहतर और कोई विकल्प हो भी नहीं सकता.
तांत्रिक साधना करने वाले लोगों का कहना है कि मुकद्दमा जीतना हो या फिर किए गए टोने के असर को शिथिल करना हो तो बगलामुखी इसका रामबाण इलाज है. जानकारों की मानें तो बाहरी शत्रु इतना नुकसान नहीं पहुंचा सकते जितना आपके अपने साथी और संबंधी पहुंचा सकते हैं. अगर परिवार का कोई सदस्य अपने ही परिवार के सदस्य के साथ कुछ गलत कर रहा है तो भी बगलामुखी के द्वारा उस टोने के असर को पलटा जा सकता है.
[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: काला जादू का प्रभाव बहुत विकराल होता है। इसके प्रभाव के कारण व्यक्ति के स्वभाव में बहुत ज्यादा परिवर्तन आ जाता है। उसका स्वास्थ्य बिना वजह ही ठीक नहीं रहता है। कई बार, घरों में तुलसी के पत्ते सूख जाते है जबकि उनकी बहुत केयर की जाती है, या प्रभावित व्यक्ति का नाखून अपने आप ही काला पड़ने लगता है।
[7:59AM, 12/4/2015] Rakesh Sin: जब भी आप कोई हॉरर मूवी देखते हैं, या बड़े-बूढ़े जब भूतिया किस्से सुनाते हैं, तो उसमें पीपल के पेड़ का जिक्र जरूर होता है। शायद यही कारण है कि तमाम लोग यह समझते हैं कि पीपल पर भू@@@@@@
27/11/2015
10:10pm
एक दोस्त के साथ मेरा झगड़ा हो गया…
.
मुझे गुस्सा आया और मैंने उसका नम्बर
मोबाइल से डिलीट कर दिया..
.
पर उस दोस्त ने कुछ समय बाद मेरे
बीमार होने पर मेसेज भेजा….
.
दोस्त कैसे हो? तबीयत का ध्यान रखना..
मेरे पास नम्बर नहीं था..
मैने सोचा और उस नम्बर पर मेसेज किया..
.
I am fine !
Who are you.
.
तुरंत उसका फोन आया,
और मुझ पर गुस्सा करने लगा..
क्या बे,
.
तुझे हाउ (How) का स्पेलिंग
ठीक से लिखना नहीं आता क्या?
.
How की जगह Who टाइप किया.
.
ठीक हो जा फिर तुझे English सिखाता हूँ .
.
मैं सोचने लगा कि कितनी बड़ी Mistake हो गई… .
दोस्ती एेसे तोड़ी नहीं जाती
दोस्त एेसे नाराज भी नही होते
जो सच्चे दोस्त होते हैं..
वो गलत मेसेज का भी
अच्छा मतलब निकाल लेते हैं….
मेरी "आँखों में आँसू नही,
बस कुछ"नमी" है?वजह तू नहीं तेरी ये "कमी" है..mere dost
मैं दुनिया से लड़ सकता हु पर अपनों से नही
क्योंकी अपनों के साथ में जीतना नही बल्कि जीना चाहता
हु..
भगवान का मंदिर हो या टूटता तारा जब भी मेरी आँखें
बंद होगी...
तब मैं सिर्फ Dost teri Salamat Ki Dua Mangi hai....
Yun door Na Karo Mujhe...
dost Banane Aaya Hu Dushman nahi..
कपड़े हो गये छोटे, लाज़ कहाँ सेँ आएगी !
.
अनाज हो गया हाइब्रिड, ताकत कहाँ से आएगी !
.
फूल हो गया प्लास्टिक का, सुगंध कहाँ से आएगी !
.
चेहरा हो गया मेकअप का, रूप कहाँ से आएगा !
.
शिक्षक हो गये ट्यूशन के, विद्या कहाँ से आएगी !
.
भोजन हो गए होटल के, तंदुरुस्ती कहाँ से आएगी !
.
प्रोग्राम हो गये केबल के, संस्कार कहाँ से आयेगें !
.
आदमी हो गये पैसो के, दया कहाँ से आएगी !
. और . कड़वा सच तो ये है भगवान हो गए पत्थर के भक्ति कहां से आएगी.. भक्ति करने वाले हो गये मतलबी और स्वार्थी, भगवान कहाँ से आएंगे...मकान चाहे कच्चे थे
लेकिन रिश्ते सारे सच्चे थे…
चारपाई पर बैठते थे
पास पास रहते थे…
सोफे और डबल बेड आ गए
दूरियां हमारी बढा गए…
छतों पर अब न सोते हैं
बात बतंगड अब न होते हैं…
आंगन में वृक्ष थे
सांझे सुख दुख थे…
दरवाजा खुला रहता था
राही भी आ बैठता था…
कौवे भी कांवते थे
मेहमान आते जाते थे…
इक साइकिल ही पास थी
फिर भी मेल जोल था…
रिश्ते निभाते थे
रूठते मनाते थे…
पैसा चाहे कम था
माथे पे ना गम था…
मकान चाहे कच्चे थे
रिश्ते सारे सच्चे थे…
अब शायद कुछ पा लिया है,
पर लगता है कि बहुत कुछ गंवा दिया…
जीवन की भाग-दौड़ में –
क्यूँ वक़्त के साथ रंगत खो जाती है?
हँसती-खेलती ज़िन्दगी भी,
आम हो जाती है।
एक सवेरा था,
जब हँस कर उठते थे हम…
और आज कई बार,
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है!!
कितने दूर निकल गए,
रिश्तो को निभाते निभाते…
खुद को खो दिया हमने,
अपनों को पाते पाते…डे...लड़का:
थेन्क यू...लड़की: मैं तुम्हारे घर 7:30 तक आती हू...लड़का: ओके, पक्का ना?लड़की: हान पक्का, चाहे कुछ भी हो मैं पहुँच जाऊंगी, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ...लड़का: मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ,मैं तुम्हारे लिए खाना बनाने जा रहा हूँ...लड़की: ओके बेबी...7:30 बज गये पर लड़की नही आयी,1 घंटे बाद लड़की आई,....लड़का: हे बेबी, इतना टाइम केसे लग गया ?लड़की ने उसे गले लगाया और बोली:कुछ नही बेबी ट्रॅफिक ज़्यादा था...लड़का: ओके कोई नही, चलो खाना खाते है....** लड़के का फोन बजा, लड़की की मम्मी का फोन था **लड़की की माँरोते हुए:बेटा मैं हॉस्पिटल में हूँ,मेरी बच्ची नही रही...लड़का: क्या ?आप क्या बोल रहे हो?लड़की की माँ: उसका एक घंटे पहले कार एक्सीडेंट हो गया था,वह नही बच सकी... (रोने लगी)लड़का शॉक हो जाता है और अपनी गर्लफ्रेंड की तरफ देखता है,लड़की अंधेरे में केंडल पकड़े हुए:"बेबी, मैने अपना वादा नही तोड़ा, लव यू सो मच"!!...आके तू मेरी मौत पे एक फूल चढ़ा दे
ताउम्र तेरे इश्क में मरने की दुआ दे
उंगली को न तू रोक अब, छूने दे मेरे नब्ज़
तू अपनी धड़कनें तो मेरे रग को सुना दे
ले चल मेरी मैयत को तन्हाई में कहीं
और हुस्न की इस आग से ये लाश जला दे
मेरी खाक को आँचल में ही बाँध लेना तुम
इस पोटली को तू किसी दरिया में बहा दे
18 November at 08:02जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं,
अपना "गाँव" छोड़ने को !!
वरना कौन अपनी गली में,
जीना नहीं चाहता ।।।
हसरतें आज भी,
"खत" लिखती हैं मुझे,
बेखबर इस बात से कि,,
मैं अब अपने "पते" पर नहीं रहता !!!
एक वक्त ऐसा था..दोस्त बोलते थे-
"चलो,मिलकर कुछ प्लान बनाते हैं"
और अब बोलते है-"चलो मिलने का कोई प्लान बनाते है"...........
@@@@@@@@@@@@ग़ज़लों की दुनिया
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शाम रंगीन हो सितारों से
दिन भी महका मिले बहारों से !
*
मंजिलें चाहतों की हों हासिल
राह चमके उन्हीं नज़ारों से !
*
प्यार बहता हो दिल में झेलम सा
होंसले हो सदा चिनारों से !
*
साथ मिल जाए सब अजीजों का
दूरियां हों सभी वकारों से !
*
दर्द ओ गम की घुटन बढ़े जब जब
आये छनकर हवा दरारों से !
*
वक्त साथी बने तुम्हारा बस
लम्हे ख़ादिम बनें कहारों से !
*
सोचकर ,जानकार कभी भी तुम
न मुकरना किये क़रारों से !
*
फूल मिलते हैं जीस्त में उनको
बेअसर जो रहे हैं खारों से !
*
दिल उसी एक से मिला जाकर
हम तो मिलते हैं यूँ हजारों से !
*
उनको हासिल हैं नेमतें सारी
इश्क करते हैं जो शरारों से !
*
*********
20-11-2015 @ 12:30PM